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पथरी का कारण एवं उपचार 2

पथरी का कारण एवं उपचार

पथरी होना आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है। यह महिला पुरुष किसी को भी हो सकती है, लेकिन महिलाओं की अपेक्षा पुरुषो में पथरी की समस्या ज्यादा होती है। पथरी की समस्या तब पैदा होती है जब हमारी किडनी सही से काम नहीं कर पाती, क्यों कि किडनी हमारे शरीर से हानिकारक चीजों को बाहर निकलने का काम करती है।

पथरी के लक्षण:

पीठ के निचले हिस्से में अथवा पेट के निचले भाग में अचानक तेज दर्द, जो पेट व जांघ के संधि क्षेत्र तक जाता है। दर्द फैल सकता है या बाजू, श्रोणि, उरू मूल, गुप्तांगो तक बढ़ सकता है, यह दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बना रहता है तथा बीच-बीच में आराम मिलता है। दर्दो के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी होने की शिकायत भीहो सकती है। यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं ; बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में रक्त भी आ सकता है। अंडकोशों में दर्द, पेशाब का रंग असामान्य होना।
गुर्दे की पथरी के ज्यादातर रोगी पीठ से पेट की तरफ आते भयंकर दर्द की शिकायत करते हैं। यह दर्द रह-रह कर उठता है और कुछ मिनटो से कई घंटो तक बना रहता है इसे ”रीलन क्रोनिन” कहते हैं। यह रोग का प्रमुख लक्षण है, इसमें मूत्रवाहक नली की पथरी में दर्दो पीठ के निचले हिस्से से उठकर जांघों की ओर जाता है।

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पथरी होने का कारण:

किसी पदार्थ के कारण जब मूत्र सान्द्र (गाढ़ा) हो जाता है तो पथरी निर्मित होने लगती है। इस पदार्थ में छोटे छोटे दाने बनते हैं जो बाद में पथरी में तब्दील हो जाते है। इसके लक्षण जब तक दिखाई नहीं देते तब तक ये मूत्रमार्ग में बढ़ने लगते है और दर्द होने लगता है। इसमें काफी तेज दर्द होता है जो बाजू से शुरु होकर उरू मूल तक बढ़ता है।
गुर्दे की पथरी की बजह हमारा गलत खानपान मुख्य कारण है। जैसे पानी की पर्याप्त मात्रा का सेवन न करना।  कैफीन और शराब का अधिक उपयोग करना आदि।

पथरी का उपचार:
1. नींबू-

पथरी की समस्या से निजात पाने का ये काफी पारंपरिक तरीका है। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड किडनी की पथरी को गलाकर शरीर से बाहर निकालने में मददगार होता है। लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। इसके ज्यादा इस्तेमाल से सीने में जलन और दांत खराब होने की समस्या से भी जूझना पड़ सकता है।
गुर्दे की पथरी के लिए 60 मिली लीटर नींबू के रस में उतनी ही मात्रा में आर्गेनिक जैतून का तेल मिला कर सेवन करने से आराम मिलता है। नींबू का रस और जैतून का तेल पूरे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

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2. पानी-

ज्यादा पानी पीना हमारे शरीर के बहुत फायदेमंद होता है। एक दिन में कम से कम दो से तीन लीटर पानी पीना चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने से गुर्दे में पानी कम छनता है। पानी कम छनने से शरीर में मौजूद कैल्शियम, यूरिक एसिड और दूसरे पथरी बनाने वाले तत्व गुर्दे में फंस जाते हैं जो बाद में धीरे-धीरे पथरी बन जाते हैं। जीरे और चीनी को समान मात्रा में पीसकर एक-एक चम्मच ठंडे पानी से रोज तीन बार लेने से लाभ होता है। पानी हमारे शरीर को हाइड्रेट रखता है। और ज्यादा पानी पीने से पेशाब ज्यादा आता है और छोटी-मोटी पथरी आराम से निकल जाती है।

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3. राजमा-

राजमा में फाइबर की अच्छी मात्रा होने की वजह से ये किडनी से जुड़ी हर तरह की समस्याओं में रामबाण होता है। राजमा में सिर्फ फाइबर और प्रोटीन ही नहीं होता बल्कि काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यून सिस्टम को बढ़ाते हैं और फ्री रेडिकल्स से इसे मुक्त रखते हैं। राजमा को इसके विशेष आकार के कारण ‘किडनी-बींस’ भी कहा जाता है। इसको आप सलाद या सूप के तौर पर खा सकते हैं। राजमा पथरी के दर्द से भी राहत देता है।

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4. तरबूज-

तरबूज में पोटेशियम साल्ट पाया जाता है। साथ ही इसमें पानी की भी अच्छी मात्रा होती है जो शरीर को हाइड्रेट रखता है। सालों से डॉक्टर किडनी की समस्याओं की रोकथाम के लिए इसका सेवन करने की सलाह देते हैं। गर्मियों में ये आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

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5. तुलसी-

तुलसी की चाय समग्र किडनी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही सफल प्राकृतिक उपचार है। यह किडनी में स्‍टोन के उपचार के लिए एक आदर्श समाधान है. शुद्ध तुलसी का रस लेने से पथरी को यूरीन के रास्‍ते निकलने में मदद मिलती है। कम से कम एक म‍हीना तुलसी के पतों के रस के साथ शहद लेने से आप प्रभाव महसूस कर सकते है। साथ ही आप तुलसी के कुछ ताजे पत्तों को रोजाना चबा भी सकते हैं।

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6. केला-

पथरी की समस्‍या से निपटने के लिए केला भी एक कारगर उपाय है, क्‍योंकि इसमें विटामिन बी ६ पाया जाता है। विटामिन बी 6 ऑक्जेलेट क्रिस्टल को बनने से रोकता है,  साथ ही विटामिन बी-6, विटामिन बी के अन्य विटामिन के साथ सेवन करना किडनी में स्‍टोन के इलाज में काफी मददगार होता है। एक शोध के मुताबिक विटामिन-बी की 100 से 150 मिलीग्राम दैनिक खुराक गुर्दे की पथरी की चिकित्सीय उपचार में बहुत फायदेमंद हो सकता है।

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7. प्‍याज-

प्‍याज में पथरी नाशक तत्‍व होते है।  इसका प्रयोग कर आप किडनी में स्‍टोन से निजात पा सकते है। लगभग 70 ग्राम प्‍याज को पीसकर और उसका रस निकाल कर पियें। सुबह खाली पेट प्‍याज के रस का नियमित सेवन करने से पथरी छोटे-छोटे टुकडे होकर निकल जाती है।

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8. अनार-

अनार के कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के अलावा इसके बीज और रस में खट्टेपन और कसैले गुण के कारण इसे किडनी में स्‍टोन के लिए एक और प्राकृतिक उपाय के रूप में माना जाता है।  इसके नियमित इस्तेमाल से यूरीन के एसिडिटी लेवल में कमी आती है और इस तरह ये पथरी को बनने और बढ़ने से रोकता है।

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